Friday 25 August 2017

सेरिब्रल पैल्सि मुख्य किस्में (Major Types of Cerebral Palsy)

Cerebral Palsy Types
सेरिब्रल पैल्सि (Cerebral Palsy) की तीन मुख्य किस्में :

१.स्पास्टिक सेरिब्रल पैल्सि (Spastic Cerebral Palsy)
प्रभावित लोगों में से लगभग 70 से 80 प्रतिशत लोग स्पास्टिक सेरिब्रल पैल्सि से ग्रस्त होते हैं, जिसमें कि मांसपेशियां सख्त होती हैं जो कि गतिविधि को मुश्किल बना देती हैं। 
जब दोनों टांगें प्रभावित होती हैं (स्पास्टिक डिप्लेजिआ), तो बच्चे को चलने में मुश्किल हो सकती है क्योंकि कूल्हे एवं टांगों की सख्त मांसपेशियां टांगों को अंदर की ओर मोड़ सकती हैं और घुटने पर क्रास कर सकती हैं (इसे सिजरिंग कहा जाता है)। अन्य मामलों में शरीर का केवल एक पक्ष प्रभावित होता है (स्पास्टिक हेमिप्लेजिआ), अक्सर बाहें टांगों के मुकाबले ज्यादा गहराई से प्रभावित होती हैं। सर्वाधिक गंभीर स्पास्टिक क्वाडरिपलेजिआ होती है, जिसमें कि अक्सर मुंह और जीभ को नियंत्रित करने वाली मांसपेशियों के साथ-साथ सभी चारों अंग और धड़ा प्रभावित होता है। स्पास्टिक क्वाडरिपलेजिआ वाले बच्चों में मंदबुद्धि और अन्य समस्याएं पायी जाती हैं।

२.डिसकाइनेटिक सेरिब्रल पैल्सि (Dyskinetic Cerebral Palsy) 

लगभग 10 से 20 प्रतिशत में डिसकाइनेटिक रूप होता है जो कि समूचे शरीर को प्रभावित करता है। इसका पता मांसपेशी के टोन में उतार-चढ़ावों (बहुत सख्त से लेकर बहुत अधिक ढीले तक बदलता रहता है) से चलता है और कई बार यह अनियंत्रित गतिविधि से जुड़ा होता है (जो कि धीमी एवं मुड़ी हुई या त्वरित एवं झटकेदार हो सकती है)।

कायदे से बैठने एवं चलने के लिए अपने शरीर को नियंत्रित करने के लिए बच्चों को अक्सर सीखने में परेशानी होती है। क्योंकि चेहरे एवं जीभ की मांसपेशियां प्रभावित हो सकती हैं, इसके अलावा चूसने, निगलने और बोलने में भी मुश्किल आ सकती है।




३.एटाक्सिक सेरिब्रल पैल्सि (Ataxic Cerebral Palsy)


लगभग 5 से 10 प्रतिशत इसके एटाक्सिक रूप से ग्रस्त होते हैं, जो कि संतुलन एवं समन्वयन को प्रभावित करती है। वे अस्थिर चाल के साथ चल सकते हैं और उन्हें उन गतियों में मुश्किल आती है जिनके लिए सटीक समन्वयन की आवश्यकता होती है, जैसे कि लेखन।

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Tuesday 1 August 2017

दिल छू लेने वाली सेरिब्रल पाल्सी CP बच्चे के परिवार की कहानी (Heart Touching Story of Cerebral Palsy Child)

सामाजिक और आर्थिक पृष्ठभूमि से  गरीब होने के बावजूद एक चूड़ी बाबाने वाले ने अपने बच्चे के बेहतर भविष्य के लिए अपनी आशा को नहीं छोड़ा | वह अपनी पूरी कोशिश कर रहे थे, और जहां बन पड़ था वहां जा रहे थे, कई स्थानों को घूमने के बाद भी मस्तिष्क पक्षाघात (Cerebral Palsy) का उपचार सम्भव नजर नहीं आ रहा था | पिता दिन रात चूड़ी बनाने का काम करके आपने बच्चे के इलाज के लिए पैसे को कमाने में लगा रहता था | भारत के कई स्थानों में घूमने के बाद भी सभी जगह से निराशा ही हाथ लग रही थी | कई लोगो ने माना कर दिया था और कहा की उसका बच्चा मानसिक रूप से मंद है तो किसी ने कहा यह मनोवैज्ञानिक समस्या है इसका कुछ भी नहीं किया जा सकता |  कई जगह से उसे फटकार भी लगी | इसके बावजूद वो हिम्मत नहीं हारा और एक जगह से दूसरी जगह पर घूमता रहा|  इस तरह उसके जीवन के 15 साल गुजर गए, और एक दिन उस बच्चे के माता पिता को  त्रिशला फाउंडेशन (Trishla Foundation) के विषय में पता चला, जो की मस्तिष्क पक्षाघात (Cerebral Palsy) का उपचार करने में सक्षम है | और उस बच्चे के पिता के मन में एक नयी आशा मिली और वह अपने बच्चे को उसकी माँ के साथ लेकर इलाहाबाद, Trishla  Foundation  पहुंच गया | जहां पर डॉ. जीतेन्द्र कुमार जैन ने उस बच्चे का निरक्षण करने के बाद पाया की वो बच्चा बैठने, उठने, चलने, फिरने, में बिलकुल भी सक्षम  था और उसके शरीर में काफी दर्द भी था और वो राहत के लगातार रो रहा था | डॉ. जीतेन्द्र कुमार जैन की देख रेख में उस बच्चे का तुंरत उपचार शुरू कर दिया गया | चिकित्सा के दो महीने के भीतर में ही उस बच्चे अविश्वसनीय प्रतिक्रिया दिखाई देने लगी और उसकी पहले की अवस्था में सुधार होने लगा | शुरू में, गंभीर विकृति और निर्बल  रोग का निदान के कारण सर्जरी के लिए डॉक्टर तैयार नहीं थे | लेकिन त्रिशला फाउंडेशन (Trishla Foundation) की टीम ने 3 महीने भीतर उत्कृष्ट परिणाम होने का आश्वासन दिया गया और उन्होंने सेरिब्रल पाल्सी सर्जरी (Cerebral Palsy Surgery) किया और सर्जरी के 3 महीने के भीतर ही उत्कृष्ट प्रतिक्रिया दिखाई दी जो की सभी के लिए किसी भी चमत्कार से कम नहीं था | बच्चे के 15 होने बाद पहेली बार बिना किसी के सहारा लिए चलते हुए देखना उसके  परिवारों के लिए बहुत ही सुखद क्षण था| वह एक छड़ी के सहारे 100 मीटर की दूरी को आसानी से चलने लगा | भगवान के इस आशीर्वाद के लिए उसके परिवार ने भगवान् को कोटि कोटि धन्यवाद कहा, क्योकि उसके बच्चे का टिक होना भगवान के वरदान से कम नहीं था | बहुत गरीब सामाजिक-आर्थिक पृष्ठभूमि होने के बावजूद उसके माता पिता का समर्पण काफी सहारनीय था |


यह पूरी तरह से सुच हुआ कि भगवान सभी की मदद करता है और उनकी खाश तौर पर जो बिना आशा छोड़े पुरे समर्पण के साथ अपने लक्ष्य की ओर बढ़ने के लिए सदैव लगा रहता है | हमारी Trishla और Samvedna टीम भी काफी हद तक मदद करता है जहां तक संभव हो | सेरेब्रल पाल्सी (Cerebral Palsy) पर अधिक जानकारी के लिए  www.trishlafoundation.com पर जाएँ.

पूरी कहानी की जानकारी के लिए निचे दिए वीडियो को देखिये: