Tuesday 1 August 2017

दिल छू लेने वाली सेरिब्रल पाल्सी CP बच्चे के परिवार की कहानी (Heart Touching Story of Cerebral Palsy Child)

सामाजिक और आर्थिक पृष्ठभूमि से  गरीब होने के बावजूद एक चूड़ी बाबाने वाले ने अपने बच्चे के बेहतर भविष्य के लिए अपनी आशा को नहीं छोड़ा | वह अपनी पूरी कोशिश कर रहे थे, और जहां बन पड़ था वहां जा रहे थे, कई स्थानों को घूमने के बाद भी मस्तिष्क पक्षाघात (Cerebral Palsy) का उपचार सम्भव नजर नहीं आ रहा था | पिता दिन रात चूड़ी बनाने का काम करके आपने बच्चे के इलाज के लिए पैसे को कमाने में लगा रहता था | भारत के कई स्थानों में घूमने के बाद भी सभी जगह से निराशा ही हाथ लग रही थी | कई लोगो ने माना कर दिया था और कहा की उसका बच्चा मानसिक रूप से मंद है तो किसी ने कहा यह मनोवैज्ञानिक समस्या है इसका कुछ भी नहीं किया जा सकता |  कई जगह से उसे फटकार भी लगी | इसके बावजूद वो हिम्मत नहीं हारा और एक जगह से दूसरी जगह पर घूमता रहा|  इस तरह उसके जीवन के 15 साल गुजर गए, और एक दिन उस बच्चे के माता पिता को  त्रिशला फाउंडेशन (Trishla Foundation) के विषय में पता चला, जो की मस्तिष्क पक्षाघात (Cerebral Palsy) का उपचार करने में सक्षम है | और उस बच्चे के पिता के मन में एक नयी आशा मिली और वह अपने बच्चे को उसकी माँ के साथ लेकर इलाहाबाद, Trishla  Foundation  पहुंच गया | जहां पर डॉ. जीतेन्द्र कुमार जैन ने उस बच्चे का निरक्षण करने के बाद पाया की वो बच्चा बैठने, उठने, चलने, फिरने, में बिलकुल भी सक्षम  था और उसके शरीर में काफी दर्द भी था और वो राहत के लगातार रो रहा था | डॉ. जीतेन्द्र कुमार जैन की देख रेख में उस बच्चे का तुंरत उपचार शुरू कर दिया गया | चिकित्सा के दो महीने के भीतर में ही उस बच्चे अविश्वसनीय प्रतिक्रिया दिखाई देने लगी और उसकी पहले की अवस्था में सुधार होने लगा | शुरू में, गंभीर विकृति और निर्बल  रोग का निदान के कारण सर्जरी के लिए डॉक्टर तैयार नहीं थे | लेकिन त्रिशला फाउंडेशन (Trishla Foundation) की टीम ने 3 महीने भीतर उत्कृष्ट परिणाम होने का आश्वासन दिया गया और उन्होंने सेरिब्रल पाल्सी सर्जरी (Cerebral Palsy Surgery) किया और सर्जरी के 3 महीने के भीतर ही उत्कृष्ट प्रतिक्रिया दिखाई दी जो की सभी के लिए किसी भी चमत्कार से कम नहीं था | बच्चे के 15 होने बाद पहेली बार बिना किसी के सहारा लिए चलते हुए देखना उसके  परिवारों के लिए बहुत ही सुखद क्षण था| वह एक छड़ी के सहारे 100 मीटर की दूरी को आसानी से चलने लगा | भगवान के इस आशीर्वाद के लिए उसके परिवार ने भगवान् को कोटि कोटि धन्यवाद कहा, क्योकि उसके बच्चे का टिक होना भगवान के वरदान से कम नहीं था | बहुत गरीब सामाजिक-आर्थिक पृष्ठभूमि होने के बावजूद उसके माता पिता का समर्पण काफी सहारनीय था |


यह पूरी तरह से सुच हुआ कि भगवान सभी की मदद करता है और उनकी खाश तौर पर जो बिना आशा छोड़े पुरे समर्पण के साथ अपने लक्ष्य की ओर बढ़ने के लिए सदैव लगा रहता है | हमारी Trishla और Samvedna टीम भी काफी हद तक मदद करता है जहां तक संभव हो | सेरेब्रल पाल्सी (Cerebral Palsy) पर अधिक जानकारी के लिए  www.trishlafoundation.com पर जाएँ.

पूरी कहानी की जानकारी के लिए निचे दिए वीडियो को देखिये:


1 comment:

  1. Patient Ke family ka mobile no bhi is story main de dete tu Asli story Pata chal jaati

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